Shayaries

Shayari
Shayari

Good Shayaries collection in Hindi on edunia

1.जुनून , हौसला और पागलपन आज भी है..
मेने जीने का तरीका बदला है तेवर
नही.. ☆*
2.दुनिया का उसूल हैं, जब तक तेरा काम हैं, तब तक तेरा नाम हैं वरना सिर्फ दूर से सलाम हैं…!
3.नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते हैं !!!
4.होठों पर उल्फत के फ़साने नहीं आते;
जो बीत गए फिर वो दीवाने नहीं आते;
दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द;
कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते|
5.न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें,
जो छुपाकर रखे थे,
“जीने”के लिए…..?????????
6.ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं
7.जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुऐं…..
पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी।”
8.?राख में भी नहीं जीने देते
चैन से लोग…….
दो दिन बाद आकर
वहाँ से भी आधा ले जाते है.।?
9.“चल आ तेरे पैरों में मरहम लगा दुँ….
ए मुकद्दर,
कुछ चोटें तुझे भी आइ होगी…मेरे सपनों को
ठोकर मार कर…!”
10.अभी जिँदगी का रुख बहुत खिलाफ है मेरे..
दीया जिधर भी जलाऊं, हवा उधर से
चलने लगती है।
11.पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…
12.किसके आंसू छिपे हैं फूलों में
चूमता हूँ तो होंठ जलते हैं”
13.एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे…..
हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे……
जितना जी चाहे सतालो यारो……
एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे……
14.उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे ,
हमने बारिश मैं भी जलते हुए मकान देखें हैं…
15.लोग नही धोखा देते, उनसे जुड़ी हमारी उम्मीदें धोखा देती है!
16.दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे
अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया.
17.तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की…सब कुछ काबिल ए मरम्मत है ..एतबार के सिवा….!!!
18.”गुल से लिपटी तितली को गिराकर देखो
आँधियों
, तुमने दरख्तों को गिराया होगा।
19.
रेत पर नाम कभी लिखते नहीं;
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं;
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं;
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!
20.
ये वफ़ा तो उस वक्त की बात है ऐ फ़राज़;
जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे!
21.
ये डूबने वाले का ही होता हे कोई फन;
आँखों में किसी के भी समंदर नहीं होता!
22.छूकर ये जिस्मे-मखमल पानी शराब होगा,
नज़रें ही जब नशे में और क्या खराब होगा।
23.
बेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तों;
यहाँ बर्बाद करने के लिए, मुहब्बत का भी सहारा लेते हैं लोग!
24.दोस्तो अगर मेरी शायरी से तग आ जाओ तो बता देना
आपकी झुठी तारीफ़ से नफरत पसन्द है
25.ना जाने कितनी ही अनकही बाते साथ ले जाऊगा
कौन कहता मै खाली हाथ जा रहा हु
26.ना तो बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा,
ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ ।।
27.हमे जब नींद आएगी तो इस कदर सोएंगे के लोग रोएंगे हमे जगाने के लिए…!!.
28.पत्थर तो बहुत मारे थे लोगों ने मुझे,लेकिन जो दिल पर आ के लगा वो किसी अपने ने मारा था..
29.मिल जायेगे हमारी भी तारीफ करने वाले
कोई अफवाह तो फैलाओ हमारी मौत की
30.एक ही चौखट पे सर झुके,तो सुकून मिलता है…
भटक जाते हैं वो लोग,जिनके हजारों खुदा होते है।
31.जब भी खुद से, नाराज हो जाता हूँ मैं..
लोग जानते हैं, खामोश हो जाता हूँ मैं..
32.शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो….
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते….!!
33.बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कोन जानेगा,
हम तो जले हुवे कागजों से भी अल्फाज़ पढ़ लिया करते हे ।।
34.अंदर कोई झांके तो टुकड़ो में मिलूंगा,
यह हँसता हुआ चेहरा तो ज़माने के लिए है.
35.इतने कहाँ मशरूफ हो यारों ??
.
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आजकल दिल दुखाने भी नहीं आते…!!
36.गरीब के बेटे ने पी तो शराबी हो गया
अमीर के बेटे ने पी तो ये शौक है उसका
37.ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का, नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है.
38.कोई दिखा कर रोये,
कोई छुपा कर रोये,
हमें रुलाने वाले हमें रुला कर रोये,
मरने का मज़ा तो तभी है यारो…
जब कातिल भी जनाज़े पर आकर रोये |
39.कभी तो उठेगा उस क़ातिल का भी जनाजा
हम भी जन्नत में उसका इंतेज़ार करेंगे
40.वक़्त ख़राब है तो झुकता जा रहा हु…
जब दिमाग खराब हुआ तो हिसाब पल पल का लुगा
41.”babu” jo dard dete hain vo apne nhi hote..
jaise khuli ankho k khwab sapne nhi hote..
42.हे स्वार्थ तेरा शुक्रिया…
एक तू ही है.जिसने लोगो को आपस में जोड़ कर रख रखा है..!!
43.रहता हूं किराये के घर में…
रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूं…

मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी…
बात मैं महल मिनारों की कर जाता हूं….

जल जायेगा ये मेरा घर इक दिन…
फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूं…

खुद के सहारे मैं श्मशान तक भी ना जा सकूंगा…
समझ नही पाया फिर ज़माने को क्यों दुश्मन बनाता हूं…
44.सिमटते जा रहे है दिल और जज्बात के रिश्ते…
“सौदा करने में जो माहिर है बस वही धनवान है..!!!
45.अदाकारी ज़रा सी जेब में रखकर सफ़र करना…!
अभी इस ज़िंदगी में और भी किरदार जीने हैं…!
46.सरेआम ये शिकायत है मुझे ज़िन्दगी से,
क्यों मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से……
47.”babu” bas ek yhi hunar aata hai…
sayar na hote tho pagal ho gye hote..
48.”babu” saudagiri chhod di hamne dil aur jajbato ki…
ab to ghalib ki galiyo me dard bechte hain..
49.मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम….
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है….
50.न शाखों ने पनाह दी न हवाओं ने बख्शा…

पत्ता आवारा न बनता तो क्या करता…
51.
अल्फाज दिलो के होते है
यारो…………√√

बस कुछ लोग लिख कर बया करते है कुछ “कट पेस्ट” कर के?
52.महेफिल लगे शायरों की तो मुझे जरुर बुलाना ?

शायरी न सही अपनी हकीकत ही लिख दुगा?
53.?अकेले रहने का भी एक अपना ही मज़ा है मेरे दोस्त
क्योंकि यकीन होता है की कोई छोड़ कर नही जायेगा?
54.Dard to apne hi dete hain..
Gairon ko kya pta hame takleef kis baat se hoti hai..
55.मिल मिल कर बिछड़ गयी ऐ जिंदगी….
तेरी सारी खुशियां बड़ी जल्दी में थी…
56.मैंने सीखी नहीं कोई
शायरी महफ़िलों में जाकर,
हालात अक्सर दर्द सहना सीखा देते हैं जनाब
57.” अपने ग़मों का हिसाब करने बैठा हूँ
फिर किसी बहाने से उसे याद करने बैठा हूँ

” जिन्दगी को उसके ख्यालों से बहूत दूर ले
जाऊंगा
जो कोशिश रोज करता हूँ , वही आज
करने बैठा हूँ “??
58.किसी शायर से कभी उसकी उदासी की वजह पूछना.
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार हो जायेगा
59.खुदकुशी करना हराम है साहेब ,,
मेरी मानो इश्क करलो .. ..
60.ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !

अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं
61.Acha Kiya jo alfazon ko kaagaj pe utaar diya
Jehan me hi rehte to kambakht jaan le lete..
62.जब इश्क और क्रांति का अंजाम एक ही है तो राँझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ”??
63.” Jo apna hai, ” wo kahin jayega nahi ”
aur jo chala gaya , ” wo kabhi apna tha
hi nhi . . .
64.jra si aankh kya lgi “babu”
jamane ne janaje ki tyari suru krdi..
65. Na Sher na kutta na bhagwaan banna hai
Insaan ki aulad hu sirf Insaan banna hai.
66.तू भी ओरों की तरह मुझसे किनारा कर ले

सारी दुनियाँ से बुरा हूँ , फिर तेरे किस काम का…
67.Dard ki itni adaat ho gai hai hame….
k ab Dard na ho toh Dard sa hota hai…..
68.”दुनिया वालो ने तो बहुत कोशिश की हमे रुलाने
की,,,
मगर ऊपर वाले ने जिम्मेदारी उठा रखी है हमे
हँसाने की…!!”
69.एक ही बात इन लकीरों में अच्छी है,
धोखा देती हैं मग़र रहती हाथों में ह़ी हैं..
70.समझदार मैं एक हूँ बाक़ी सब नादान,

इसी भरम में आजकल घूम रहा इंसान.
71.”babu” kisi ki sunta nhi bas alfajo ko likhta jata hu…
koi shayar to koi ashiq Keh jata hai..
72.kab tak gamo ka hisab karte baithoge tum,
Is jamane me ye bahana (dard) bhot purana sa ho gya hai…

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